Friday 26 October 2018

माहुरी शर्मा का मोहक गायन


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ अंचल के सुप्रसिद्ध गायक मुकेश फेम अंचल शर्मा (बिलासपुर वासी) का समूचा परिवार गीत-संगीत को समर्पित है। इनकी सुपुत्री 23 वर्षीय माहुरी शर्मा भी गायन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने हेतु अग्रसर है। बीए स्नातक के बाद माहुरी ने इसी साल खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय से गायन विधा में एमए की डिग्री प्राप्त की है। उल्लेखनीय है कि माहुरी  करीब छह साल पहले बिलासपुर में हुई राज्य स्तरीय गायन प्रतियोगिता "अरपा के सुर" में रनर अप रही थीं।
माहुरी ने बुधवार, 24 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में अपने पिताश्री अंचल शर्मा के पचासवें जन्म दिन के मौके पर आयोजित संगीत  समारोह में सुरीले गायन के माध्यम से बधाई देकर उनका  आशीर्वाद ग्रहण किया। उन्होंने अपने पसंदीदा चुनिंदा गाने सुनाये। गिटार पर संगत की माहुरी के भाई शगुन शर्मा ने। आयोजन स्थल था मोपका स्थित अंचल शर्मा का स्वर लहरियों से आच्छादित हरा भरा स्वरांगन कॉटेज। यहां प्रबुद्ध संगीत रसिकों की उपस्थिति में माहुरी शर्मा ने फ़िल्म "हीरो" (1983) का लोकप्रिय गीत "लंबी जुदाई, चार दिनों का प्यार, ओ रब्बा..." (गीतकार - आनंद बक्षी, संगीतकार - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, गायिका - रेशमा) सधे हुए सुर में गाकर मोहित कर दिया। इसे सुन कर आप भी अवश्य कहेंगे "वाह"।

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