बिलासपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पाली-तानाखार विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामदयाल उइके ने शनिवार को सुबह भाजपा में प्रवेश कर कांग्रेस को तगड़ी चुनावी पटखनी दी है । उनके इस कदम से कांग्रेस आलाकमान समेत सभी बड़े नेता हतप्रभ हैं। सत्रह साल बाद उनकी घर वापसी हुई है।
रामदयाल उइके ने शनिवार को सुबह बिलासपुर स्थित एक होटल के बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की मौजूदगी में विधिवत भाजपा की सदस्यता ग्रहण की . उनको भाजपा में प्रवेश कराने के पीछे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की विशेष भूमिका रही। मुख्यमंत्री डॉ सिंह रामदयाल उइके को अपने साथ अमित शाह के पास मिलाने और भाजपा में प्रवेश कराने लाए थे । यद्यपि पिछले कुछ समय से रामदयाल उइके को भाजपा में प्रवेश कराने के सम्बन्ध में संगठन के केन्द्रीय स्तर पर विचार-विमर्श हो रहा था जिस पर शनिवार को सुबह अधिकृत मुहर लग गई .
बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने होटल की लॉबी में आयोजित एक संक्षिप्त पत्रकार वार्ता के दौरान रामदयाल उइके के भाजपा प्रवेश की अधिकृत घोषणा की .
रामदयाल उइके ने अपने भाजपा प्रवेश के सन्दर्भ में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि एक लम्बे अरसे से कांग्रेस में उनका दम घुट रहा था . कांग्रेस अपने पुराने सिद्धांतों और आदर्शों से भटक गई है . पार्टी में गन्दी सीडी की राजनीति हावी हो गई है और इससे राष्ट्रीय पार्टी की छवि बेहद धूमिल हुई है . उइके ने आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने गन्दी सीडी की राजनीति को प्रोत्साहित कर पार्टी का काफी अहित किया है . मेरी मांग के बावजूद आलाकमान द्वारा उन्हें पद से नहीं हटाया गया जिसका खामियाजा इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा .
उइके ने यह भी कहा कि कांग्रेस आदिवासी, पिछड़े और गरीब लोगों की लगातार उपेक्षा कर रही है . चूँकि मैं स्वयं आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधितत्व करता हूँ इसलिए मुझे दिली तौर पर काफी पीड़ा हो रही थी .
उइके ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों का समुचित विकास करने में जुटे हुए हैं . वे पीड़ितों की तकलीफ को समझते है . वे उनकी समस्याओं का भी समाधान कर रहे हैं इसलिए मैंने मुख्यमंत्री और भाजपा की विकासोन्मुख नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में प्रवेश कर घर-वापसी की है .
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उइके ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र पाली-तानाखार से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के सम्बन्ध में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से फ़िलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है . पार्टी का जहाँ से भी चुनाव लड़ने का आदेश होगा तो वे उस पर अवश्य अमल करेंगे .
विदित हो कि रामदयाल उइके कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी से बेदखल किए जाने को लेकर खासे नाराज थे हालाँकि पाली-तानाखार से उनको फिर से कांग्रेस का टिकट दिया जाना तय था . बारह विधायको के साथ उइके ने वर्ष 2000 में भाजपा छोड़कर जोगी सरकार की कांग्रेस का हाथ थाम लिया था . उस वक्त वे मरवाही से भाजपा विधायक थे और मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए उन्होंने अपनी यह सीट कुर्बान की थी .
रामदयाल उइके ने शनिवार को सुबह बिलासपुर स्थित एक होटल के बंद कमरे में हुई बैठक के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की मौजूदगी में विधिवत भाजपा की सदस्यता ग्रहण की . उनको भाजपा में प्रवेश कराने के पीछे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की विशेष भूमिका रही। मुख्यमंत्री डॉ सिंह रामदयाल उइके को अपने साथ अमित शाह के पास मिलाने और भाजपा में प्रवेश कराने लाए थे । यद्यपि पिछले कुछ समय से रामदयाल उइके को भाजपा में प्रवेश कराने के सम्बन्ध में संगठन के केन्द्रीय स्तर पर विचार-विमर्श हो रहा था जिस पर शनिवार को सुबह अधिकृत मुहर लग गई .
बैठक समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने होटल की लॉबी में आयोजित एक संक्षिप्त पत्रकार वार्ता के दौरान रामदयाल उइके के भाजपा प्रवेश की अधिकृत घोषणा की .
रामदयाल उइके ने अपने भाजपा प्रवेश के सन्दर्भ में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि एक लम्बे अरसे से कांग्रेस में उनका दम घुट रहा था . कांग्रेस अपने पुराने सिद्धांतों और आदर्शों से भटक गई है . पार्टी में गन्दी सीडी की राजनीति हावी हो गई है और इससे राष्ट्रीय पार्टी की छवि बेहद धूमिल हुई है . उइके ने आगे कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने गन्दी सीडी की राजनीति को प्रोत्साहित कर पार्टी का काफी अहित किया है . मेरी मांग के बावजूद आलाकमान द्वारा उन्हें पद से नहीं हटाया गया जिसका खामियाजा इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा .
उइके ने यह भी कहा कि कांग्रेस आदिवासी, पिछड़े और गरीब लोगों की लगातार उपेक्षा कर रही है . चूँकि मैं स्वयं आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधितत्व करता हूँ इसलिए मुझे दिली तौर पर काफी पीड़ा हो रही थी .
उइके ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों का समुचित विकास करने में जुटे हुए हैं . वे पीड़ितों की तकलीफ को समझते है . वे उनकी समस्याओं का भी समाधान कर रहे हैं इसलिए मैंने मुख्यमंत्री और भाजपा की विकासोन्मुख नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में प्रवेश कर घर-वापसी की है .
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उइके ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र पाली-तानाखार से भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के सम्बन्ध में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से फ़िलहाल कोई चर्चा नहीं हुई है . पार्टी का जहाँ से भी चुनाव लड़ने का आदेश होगा तो वे उस पर अवश्य अमल करेंगे .
विदित हो कि रामदयाल उइके कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी से बेदखल किए जाने को लेकर खासे नाराज थे हालाँकि पाली-तानाखार से उनको फिर से कांग्रेस का टिकट दिया जाना तय था . बारह विधायको के साथ उइके ने वर्ष 2000 में भाजपा छोड़कर जोगी सरकार की कांग्रेस का हाथ थाम लिया था . उस वक्त वे मरवाही से भाजपा विधायक थे और मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए उन्होंने अपनी यह सीट कुर्बान की थी .
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