Wednesday 17 October 2018

"मिश्र की कविताएँ उद्वेलित करती हैं"


बिलासपुर, छत्तीसगढ़। देश के प्रसिद्ध कवि माताचरण मिश्र (भोपाल) ने बुधवार को दोपहर बिलासपुर प्रेस क्लब में अपनी विभिन्न सन्दर्भों वाली कविताओं का पाठ किया। इसमें मुख्य रूप से पगडंडी, आत्म संभवा, नचनिये, मुक्ति, विसंगति, अजानबाहु, आदमी और पेड़ के बारे में, तृष्णा के तट आदि कवितायें शामिल थी।
माताचरण मिश्र की कविताओं की तारीफ़ करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार सतीश जायसवाल ने कहा कि इनकी कवितायें पृथक शैली की हैं। बिलासपुर से भोपाल में बस जाने के बाद भी इस शहर की व्यथा इनकी कविताओं में झलकती है। नवभारत के पूर्व सम्पादक बजरंग केडिया ने  कहा कि माताचरण मिश्र बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। इनकी कविताओं में हर वर्ग का दर्द झलकता है। बिलासपुर का मिजाज़ भी इनकी कविताओं में रूपायित होता है। वरिष्ठ शायर खुर्शीद हयात ने कहा कि इनकी कविताओं में माँ अपने शाब्दिक अर्थ से अलग स्वरूप में व्यक्त होती है। इनकी शैली अनूठी है।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, राम कुमार तिवारी, साकिर अली, भास्कर मिश्रा, ठाकुर बलदेव सिंह, कमल दुबे, राजेश दुआ, निर्मल माणिक आदि उपस्थित थे। गोष्ठी का संचालन प्रेस क्लब के सचिव विश्वेश ठाकरे और आभार प्रदर्शन प्रेस क्लब के अध्यक्ष तिलकराज सलूजा ने किया।

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